सायाद्री चा कुशीटुन भुगवला सूर्य नवा
लगलगाच समक नारा आजीजामाते चा च्छावा
शिवनरी किला तो गर जला हाँ
जई-जई भावानी बोला । जै-जै शिवाजी बोला।
पुन जन्म जीजम ते पोटी
प्रानपनालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालालाला
माती चाया कनाकनात
रैते चाया मनामनात
भगवाचेडा जेवन हातात जबतो स्वाबिमान याकाल जात
मनामनात येकाच नाव वागा सरकेत याची धाव शिवाजी रमचाराजा
जैजै भवानी बोला जैजै शिवाजी बोला
निरीएइ सायाद्रीचा खुशी उतोने भुगवाला सूर्य नवा
नकलकाच समकनारा जीजामातेच चाच्छावा
शिवणरी किला तो गरजला
जैजै भवानी बोला जैजै शिवाजी बोला