घरबा में बतल भी आ ठेर परोसानी
जही आसे आईल भी आ हमरो जनानी
घरवा में बढ़ल भी आ धेर परसानी
जही आसे आईल भी आ हमरो जनानी
काम कर रो ज़य उहरो कान के
चापिया बेल सुभा हो साम चोलिस चान के
सब कहा से मेहरी मूरा बारे बख फलोलरे बैगन के तैगन कहे आलु के ओलरे
आलु के ओलरे सब कहा से मेहरी मूरा बारे बख फलोलरे
बैगन के तैगन कहे आलु के ओलरे जब बाते लिया अपनी समाण के
चापिया बेल सुभा हो साम चोलिस चान के
अच्छटयर बाहरे गाउँ घटटोला
मेरी नुठी इस्तोला घर बेह मेे खोला
हार बेह मेए गोला, हार बेह मेए गोला
मेरी नूटी अस्टॉल धरवे में खुला
समझा बेट बले हम के बान के
जैविया बैलेश बहो साँग
चोली से च्हांग के
राइटर सुबास सति सुना रेला ताना मेरी के लच्छन देखी रोई रोजाना
खर छोरे रे तुरा मंसा बजान के
चाय पिया भेल सुबा हो साडम चोली से चान के