कब यो बाच बेनती चौपई
हमरी करो हाथ दे रच्चा
पूरन होए चित की इच्छा
तव चरनन मन रहे हमारा
अपना जान करो प्रत्योपारा
हमले दुष्ट सब है तुमकावो
आप हाथ दे मोहे बचावो
सुखी बसे मोरो परवारा सेवक सिख सब है करतारा
मोर अच्छानेज कर दे करिये सब वेरन को आज संगरिये
पूरन होए हमारी आसा तोर पजन की रहे प्यासा
तुमे चाड कोई अवर न त्याओ जो बर चहों सो तुम ते पाओ
सेवक सिख हमारे तारिये चुन चुन सतर हमारे मारिये
आप हाथ दे मुझे उबरिये मरन काल का त्रास निवरिये
भूजो सदा हमारे पच्छा स्वीअस तुझ जू करे ओ रच्छा
राख ले ओ मुझे राखन हारे साहेब संत सहाए प्यारे
दीन बंद दुश्टन के हंता तुम हो पुरी चतुर दसकंता
काल पाए ब्रह्मा बप तरा काल पाए सिव जू अवतरा
काल पाए कर बिसन फ्रकासा सकल काल का किया तमासा
जवन काल जोगी सिव की ओ वेद राज ब्रह्मा जू थी ओ
जवन काल सब लोक सवारा नमशकार है ताहे हमारा
जवन काल सब जगत बनायो देवदैत जच्छन उप जायो
आग अंत एक है अवतारा सोई गुरू समझयो हमारा
नमशकार तिस ही को हमारी सकल प्रजाज ने आप सवारी
सिव कन को सिव गुन सुख दीयो सत्रन को पल मूबध कीयो
काट काट के अंतर की जानत पले बुरे की पीर पछानत
चीटी ते कुञ्चर अस थूला सब पर कृपा ग्रेश्ट कर फूला
संतन दुख पाए ते दुखी सुख पाए साधन के सुखी
एक एक की पीर पछानने काट काट के पट पट की जानने
जब उद करक करा कर तारा प्रजाज तरक तब दे अपारा
जब आकरक करत हो कभूं तुम मैं मिलत दे तरसभूं
जेते बदन स्विष्ट सब तारे आप आपनी भूज उचारे
तुम सब ही ते रहत निरालम जानत बेद पेद अर्यालम
निरंकार निर्बकारन लंब आद अनील अनाद असंब
तांका मूड उचारत पेदा जान को बेव न पावत बेदा
तांको करपाहनन मानत महा मूड कच पेद न जानत
महा देव को कहत सदा सिव निरंकार का चीनत नेप
आप आपनी बुद है जेती वरनत पिन पिन तो हितेती
तुम्रालखा न जाए पसारा कैबिद सजा प्रथम संसारा
एक कैरूप अनूप सरूपा रंक पयो राव कही पूपा
अंडज जेरज सेतज कीनी उत पुजखान बहुर रच दीनी
कहूँ फूल राजा है बैठा कहूँ सिमट पेओ संकर कैठा
सगरी सृष्ट दिखाए अचंबाव आद जुगाद सरूप स्वयंपाव
अब रच्छा मेरी तुम करो सिख वार असिख संगरो
दुष्ट जिते उठवत उत पाता सकल मलेच करो रण काता
जैस्त जितव सर नी परे तिनके दुष्ट दुखत है मरे
पुरक्ष जवन पग परे तिहारे तिनके तुम संकत सब टारे
जो कल को एक बार दिया है तांके काल निकट नहीं आया है
प्रच्छा होई ताहें सब काला दुष्ट अरिष्ट तरें तत काला
क्रिपा दृष्ट तन जाएन हर हो ताके ताप तनक मो हर हो
रिद्ध सिद्ध करमों सब होई दुष्ट छाउच्छो ऐसा के न कोई
एक बार जिन तुम्हें संभारा काल फांस ते ताहें वारा
कहा दार्द दुष्ट दोख ते रहा खड़ग केत मैं सरन ते हारी आप
हाथ देले ओ बारी सर्व ठोर मोहो सहाई दुष्ट दोख ते लेओ बचाई
वाहे गुरुजी का खाल साथ वाहे गुरुजी की फते