सलाम अलेकुम एजमान
आया क्या रे घुगु मदार
एजमान तुम्हे घुगु जर को पुकार होनोंगे एजमान
तुम्हे पुकार तीन सो सुनको पूरे आशने और आशने सो बंझे घुगु घुगु कती एजमान
नहीं रे तू करता भी ऐसा तू सुनता भी ऐसा
नहीं रे सुबुग को गया तू अब आया क्या रे करया शाम तक क्या धोल बाजा लेता क्या रे
नहीं रे वो इत्लिया वाली प्यारी क्या जा को बाखे उसलाद करले कारे ऐ काया
उसका क्या रे करया
नहीं डाल रहे हो
को अपने सारे आठ को झुक हो रही है
निकलीगे वापस का बोल देखा था कि दरवाजा खोल कोई बच्चीय ही कीजी है इसो तुम्मेकर को पूछी
मैं बोलिया तुम्हारे बावा ही क्या बोलको
उन्हें बोली नहीं ही हमारे बावा कांगिंगर को बोलिया तुम्हें
उन्हें बोल हुए हमारा बावाहर डिंग से कऊंडिसुनें कर बोलेंकर ज्मान है क्या रहे हुं खोल रही नहीं
सुनेगा दुकान क है जरिमान कर दो हुआ है वह बर्कय वाले मौक्तियार के नीजाग को 300 रुपए ला रहा हो
वो क्या रे कर या वहाँ एक दो गंठे खड़या मौक्तियार बोलता है जमान उसे सिंगल नंबर ये एक भी उठा आज नहीं कहते जब उसे सिंगल नंबर उठा है तब पूरी खरचदारी लागो फेर्तुंगर को बोले जमान
हाँ वे रे घूग्गू, उसे नंबर कोशा नंबर उठा तो क्या, नहीं उठा तो क्या, ऐसा बोल गोलेला क्या कहे, तू बोले हुआ नहीं कहे फंड की बात
सब्सक्राइब कर देखते हैं तो खराब हो जा रहा है बिजनेस आंखर को बोलो आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो यह काम करें तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
तो कैसा रहता बिजनेस आंखों से कि अच्छा दिशरा नहीं रहे
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật