गरमी के दिन बाग गरमे मसीन बाग
गीज दे तारो जे हमार चीज फर छिन बाग
गरमी के दिन बाग गरमे मसीन बाग
गीज दे तारो जे हमार चीज फर छिन बाग
पिया ताबे जिया तारे सारा दिने तारी पौ
खाई ये के चोटा दिगिरावो तारे सारे पौ
आरे खाई रेके चोटो निगिरावो तावे सारिको
मन अगुताई रहे धामसे यतावसे पिके जब आवे तो बोलावे ना भावसे
आके सोटे जाला लागे जैसे माटा हावे हमरा अच्रा के कोहे दूपाटा हावे
बोले बर्ह बर्ह जाब छोर जाला गारी पो
खाई रेके चोटो निगिरावो
तावो सारिको
खाई रेके चोटो निगिरावो
तावो सारिको
दैहिया बनारम या हावा पाहे गोरम, ओई सन्मरोद पाके फूट गो ओईल कोरम
एबि दरदिहो घोटो तानी खीसके, माफो कोरब ना पूनिक छातिसके
चंदन बिया हुद के डिराई लिना जारिपो
खाई एक चोटो निगिरावता विसारिपो