माँ चंद्रघंटा की तुमको मैं कथा सुनाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
शक्ति सरूपा चंद्रघंटा की महिमा गाता हूँ
नवराते के तिसरे दिन का सार बताता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
शक्ति सरूपा चंद्रघंटा की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
ये कथा है बड़ी महान
सम सुनो लगा के जान
इस कथा की है पैचान
मिले हो वागा वरदान
चंद्र घंटा की कथा सुनाओ सुनो लगा के ध्यान
धन वैभाव सुख देने वाली मा की है पहचा
तिसरे दिन है नौ रातों का चंद्र घंटा के नाम
पूजा करके मा के रूप का बन जाए सबका
रूप सलोना सुन्दर मा का छवी बड़ी प्यारी
महक रही है मा के नाम से जग की फुलवारी
चांदिक जैसे मुखडा चमके रूप चंद्र बदनी
जैहो तुम्हारी चंद्र घंटा मा जैहो जग जननी
दया करो सुख देव पे माता शीस जुकाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
शक्ति सो रूपां चंद्र घंटा की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
ये कथा है बड़ी महान
सब सुनो लगा के जान
इस कथा की है पैचान
मिले होनों का वरदान
शोभित है मा के हाथों में
गदा धनुस तलवार
उठा त्रिसोल को कर रही
माता दुश्चों का संधार
अर्ध चंद्र घंटे का
मा के शीस पे है आकार
भागान पर भागान
भक्तों की हित के खातिर
मा रहती है तैया
पूजा करके आरतिगा के
मा को रिजाते हैं
दूध बने विन्जन से
मा को भोग लगाते हैं
चर्णों में अरपित करते हैं
पुस्प चमेली का
रूप निहारे भक्तिय सारे
अम्बे देवी का
ध्यान लगा के सुनो कथा
मैं आगे बढ़ाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
शक्ति सुरूपा
चंद्र घंटा की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
ये कथा है बड़ी महाल
साब सुनो लगा के यार
इस कथा की है पैचार
मिले हो गावर दाल
स्वर्ग लोक में जब असुरों का बढ़ने लगा आतंक
सारे थे आतंकित उनसे रिशी मुनी और संत
महिशासुर के आगे चलेना देवताओं का जोर
इंद्रदेव भी उनके आगे पढ़ जाते कमजोर
त्राही त्राही मच गई थी स्वर्ग में मची थी भागं भाग
भाग रहे थे जान बचाके राज पाट सब त्याग
संकत में थे प्राणे दिवों के सूझे नहीं उपाय
किसी तरह से महिशासुर से छुटकारा मिल जा
फिर क्या करते हैं सब मिलकर वही बताता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
चक्ति सो रूपा चंद्रगंटा की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
ये कथा है बड़ी महान, साब सुनो लगा के यान। इस कथा की है पैचान, मिले हो लगा वरदान।
सभी देवता मिल करके ब्रह्मा के पास गए हैं। ब्रह्मा जी ही मदद करेंगे लेकर यास गएं।
ब्रह्मा, विश्णु, महेस जी तीनों क्रोध में आते हैं।
महिशान।
महिशासुर का त्रास देवता जब बतलाते हैं।
महिशासुर से स्वर्ग लोक में जीना हुआ मुहान।
कोई उपाय बताओ भगवन हमें तुरंतत का।
ब्रह्मा, विश्णु, महेस के मुख से उर्जा हुई उत्पन।
स्वर्ग धरा, पाताल में सारे होने लगी कमपन।
उर्जा से उत्पन हुई मह सत्य बताता हूँ, मैं कथा सुनाता हूँ।
शक्ति सरूपां, चंद्रघंटा की महिमा गाता हूँ, मैं कथा सुनाता हूँ।
ये कथा है बड़ी महान, सब सुनो लगाके यान।
प्रधानी है पहचान मिलें होंगा वरदान
शंकर ने तिरशूल दिया विश्णो ने चक्र दिया
देव राज ने धनुस सोर्य ने अपना तेज दिया
सोर्य देव ने तेज और तलवार दिया उनको
देवों ने भी शस्त्रों का उपहार दिया उनको
नाम करण फिर सभी ने मिल कर के है किया उनका
सब ने बोला जैहो तुमारी जैहो चंद्र घंटा
ब्रह्मा बोले हमने तुमको दिव्य शक्तियां दी
कोई शक्ति इन शक्ति को तोड़े नहीं सकती
चली है मा आकाश मार्ग से कहां बताता हूं
मैं कथा सुनाता हूं
शक्ति सो रूपा चंद्र घंटा की महिमा गाता हूं
मैं कथा सुनाता हूँ
ये कथा है बड़ी महाल
साब सुनो लगा के जान
इस कथा की है पैचान
मिले मोहनों का वरदान
पवन बेग से चली भवानी करते हुए अठास
प्रोध उगलती पहुँच गई मा महिशासुर के पास
नेत्रे लाल विकराल बन गई असुरों की वो काल
सारे ही ब्रह्माण्ड में जैसे मच गया था भूचा
एक तरफ से असुर लड़ रहे एक तरफ माता
मा के आगे कोई असुर भी ठहर नहीं पाता
गहमासान मच गया स्वर्ग में युद्ध हुआ भारी
काट रही असुरों को माता मार के किलकारी
महिशासुर का अंत करिश मा माता दिखाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
कथती सुरूपां चंदर घंटा की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
ये कथा है बड़ी महान
सब सुनो लगाके ध्यान
इस कथा की है पैचान
मिले मुह्माँगा वर्दान
हुए देव भय मुक्त कर रहे मा की जै जै कार
फिर से इंद्र देव को स्वर्ग का मिल गया था उपहा
तब से ही मा चंद्र घंटा को पूज रहा संसाल
असुर विनाशक की जै बोलो मिल के शहस्त्रों बाल
नव रातों का दिन है तीसरा मा चंद्र घंटा का
जग जननी जग कल्याणी माता जग दंबा का
स्रध्धा भाव से जो भी मा का वंदन करता है
धन वैभो धन धान्ने से उसका आंगन भरता है
करके नमन वंदन मैं मा कोशी से जुकाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
चक्ति सुरूपा चंद्र घंटा की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
ये कथा है बड़ी महान
सब सुनो लगाके जान
इस कथा की है पहचान मिले होनों का वरना
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