पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दीपूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दीउणगा उचंडी मात तिरा मुझे चरणों में जगा दीउणगा उचंडी मात तिरा मुझे चरणों में जगा दीतूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।पत्वार्य के बिना ही मेरी नाम चल रही है।हैरान है जबाना मन्जिल भी मिल रही है।पत्वार्य के बिना ही मेरी नाम चल रही है।पिरिनाव चल रही है। हैरान है जमाना। पन्जिल दिन रही है।धीरान जिन्दगी को तेरी खुश्बू से महका दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।तुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे है।किसी और चीज के अब तरकान।तूने गाउं तेरा हर गम।जो चरण में पना दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।मैं तो नहीं हूँ काबिल। तेरा कार कैसे पाऊं।तूटी हुई वाणी से गुण गान कैसे गाउं।मैं तो नहीं हूँ काबिल।मैं तो नहीं हुँ काबिल।मैं तो नहीं हूँ काबिल।मैं तiotी हुई वाणी से गुण गान कैसे गाउं।मुझे जाने सबु जमना।मुझे जाने सबु जमना।मुझे जाने सबु जमना।तूने है वो बजा �.तूने है वो बजाे .तूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी