पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बनाती
पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बनाती
उणगा उचंद्र देव तेरा मुझे चरणों में जगाती
उणगा उचंद्र देव तेरा मुझे चरणों में जगाती
तूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
पत्वार के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
हैरान है जमाना मन्जिर बिन रही है।
पत्वार के बिना ही मेरी जिन्दगी बना दी।
पिरिनाव चल रही है। हैरान है जमाना। मन्जिल दिन रही है।
धीरान जिन्दगी को तेरी खुश्बू से महका दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
तूने पकड़ के हाथ मेरी जिनदगी बना दी।
गुणे गाऊं तेरा हर दम, जो चरणों में पना दी, तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
मैं तो नहीं हुं काबिल, तेरा पार कैसे पाऊं, तूटी हुई वाणी से गुणे गाँ कैसे गाऊं।
मैं तो नहीं हुं काबिल, तेरा पार कैसे पाऊं, तूटी हुई वाणी से गुणे गाँ कैसे गाऊं।
मुझे जाने सब जमाना
मुझे जाने सब जमाना
तूने है वो वजा दी
तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
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