चान
रात कहा
है या तू कोई हौब मेरा
तू जमीन का नहीं है फलक का
तू फरिष्टा
आँखें जैसे तेरी जीलों सी
मैं हो जैसे एक नशीरी सी
तेरी ये आजाँ तुझ में है खुदाँ
तेरी ये आजाँ तुझ में है खुदाँ
तेरी ये आजाँ
तुझ में है खुदाँ
तुझ में मेरी
तेरे रूप की ये सादगी मेरी रूह को छुगई
आँखें जैसे तेरी जीलों सी
मैं हो जैसे एक नशीरी सी
तेरी ये आजाँ
तुझ में है खुदाँ तेरी ये आजाँ तुझ में है खुदाँ