चान्द ने एक दिन मुझसे ये पूछा
बता जान तेरी कैसी है
मैं बोला तु देखे तो शर्मा आए
कुछ बात उसमें ऐसी है
चान्द ने एक दिन मुझसे ये पूछा बता जान तेरी कैसी है
मैं बोला तु देखे तो शर्मा आए कुछ बात उसमें ऐसी है
लड़ती हैं मुझसे जगड़ती हैं मुझसे प्यार मुझी से करती हैं
लड़ती हैं मुझसे जगड़ती हैं मुझसे प्यार मुझी से करती हैं
रूठे तो मनाना पड़े भारी पर न ज्यादा परेशान करती हैं
ना ज्यादा परेशान करती है
कूकती कोयल मुझे से ये पूछे
बता जान तेरी कैसी है
मैं बोला तू सुनले तो खो जाए
कुछ बात उसमें ऐसी है
आक्खों में आपं चिपे रहेते नाक परहे कुछ हर दम होता
चिड़ जाती मेरे छेड़न से पर प्यार न उसका कम होता
पर प्यार न उसका कम होता
इसतिर तालावोंने मुझसे पूछा
बता जान तेरी कैसी है
बात देखे तो बह जाए
कुछ बात उसमें ऐसी है
बच्चों सी है थोड़ी कशिश उसमें
पल में हस देती पल में रो जाए
बच्चों सी है थोड़ी कशिश उसमें पल में हस देती पल में रो जाए
जिद्दी है थोड़ी पागल है थोड़ी नट्खट कभी वो हो जाए
कुछ बात उसमें guest