पाके अखावेच मसकारा, काला सूट कौटियां वाला, बीनी वंगानाल शिकाके, चुमके कन्ना देविच पाके, ये समा घड़ जावेनामैं चंद ही बनकी निकल पई, कोई चंद चड़ जावेनाआग पाणियानु मैं लामा, सुल्फां बनियां कोर कटामा, इससे करके ही मैं तड़के, उठके काला टिका लामा, कबर कोई मर जावेनामैं चंद ही बनकी निकल पई, कोई चंद चड़ जावेनामूदी नालों चिट्टी गोरी, लगदी गन्नेदी मैं पोरी, मिशरी मुंडे आख बलांदे, कहेंदे वचने कई चकोरी, अख लड़ लड़ जावेनामैं चंद ही बनकी निकल पई, कोई चंद चड़ जावेनाननबीर गरेवाल जेडा, रोके नती ही राहुन मेरा, करके बड़ा तकड़ा हजेरा, कहेंके तू मेरी मैं तेरा, प्यार मठे मड़ जावेनामैं चंद ही बनकी निकल पई, कोई चंद चड़ जावेना