देवों के देवों हमारे महादेव हैं
गले में पहने वो साप के जनेव है
देवों के देवों हमारे महादेव हैं
गले में पहने वो साप के जनेव हैं
चलो सबको बुलाए भूले नाथ के डारुनाथ
बेसाहारों के रहते हैं साथ भूले नाथ
नील गंड है जट्टा धारी करते हैं लंदी की सवारी
डम डम डम डम रुब जाये परवत पर बोलो बढ़डारी
नजी अपने
वत कंकड कंकड सब में बसते भोले संकर
काल भी देखके तर जाए रूप धरे वो जब हो भयंकर
उनके दर पे जुकाए सब मार्खि दर्ना
बे सहारों के रहते हैं साथ भोले ना
रुद्ध रूप है शुव व्यासी दुनिया है दर्शन की प्यासी
तिनों लोग के हैं ये दाता कहलते हैं ये कहला सिन
चलो सबको भुलाए भुलना के दात ना
बे सहारों के रहते हैं साथ
नील गंट है चेटा धारी करते हैं नंदी की सवारी
डम डम डम डम डम रूप जाये परवत पर बोला बन्ना