चलो बंधन के
चलो बंधन के दुलानिया ख़ोजा ना गरी
और ख़ो जाना गरी महा राजा ना गरी
चलो बंधन के दुलानिया ख़ोजा ना गरी
और चलो बंधन के दुलानिया
ख़ोजा ना गरी
ख्वाजा नगरी ख्वाजा दूला बने आज की रात है चलो पंठन के दुलानिया ख्वाजा नगरी
उनका मेला करीब आया है आज पर ये नसीब आया है
सोचता हूँ यही अकेले में सर केबल जाओं उनके मेले में
सबको दर्जे मुराद मिलती है
और कलीब आया है
सबके दिल के किलती है उनके रोजे से मैं लिपट जाओं
दामने इश्क में सिमट जाओं दूल उनके ही दर्गी पालूँगा
सिंदगी को दुलहन बना लूँगा
पूरी कर ये मुराद हो जाए दिल मेरा शाद शाद हो जाए
चलो पंठन के दूलनीया हो जाना दरे
और बैठ बलंध दर्वाजे ख़ौजा सबका मुझरा लैगा
सबका मुझरा लैगा
और जैसी जाकी नौकरी खौजा वै सैवा को देगा
और जैसी जाकी नौकरी ख़ौजा वै सैवा को देगा
पल्ले में वाके पल्ले में खजाना सारा है दरी
चलो बन्दन के दूलनिया वाजा लागरे
और अपने बाल की बना कर छाड़ू आंगन साफ करेये
और ख़वाजा की दर्गा के खातिर पानी भर भर लाये
और ख़वाजा की दर्गा के खातिर पानी भर भर लाये
आना सागर से उठा कर दो दो गगरी
आना सागर से उठा कर दो दो गगरी
मैं भी वो आनबान देखूंगा, उनकी छट्टी किशान देखूंगा
वो आकीदत भरी फिजा देखो, मुझ पे छीते बढेंगे रहमत के
देख लूँगा नजारे जन्नत के
मेरा इमान क्यों न हो ताजा, देख कर वो बलंद दरवाजा
तारागर में वो देखूं नजारे, आना सागर के देख लूँधारे
अपना दिल अपनी चान खोने दो, धौल कुमबद के सदके होने दो
आना सागर से उठाकर दूदो गगरी
सोर पे दूबा, डगमग नईया, आन भसी मझदार
मुझ दुखिया का फाज पिया, तुम कर दो बेणा पार
और मुझ दुखिया का फाज पिया, तुम कर दो बेणा पार
फाजा उसमा की
फाजा उसमा की
फाजा उसमा की
ख़जा उसमा के दुहाई लीजो ख़बरी
ख़जा उसमा के दुहाई लीजो ख़बरी
ख़जा उसमा के दुहाई लीजो ख़बरी
चलो बढ़कन के दुलनिया ख़जा नगरी
और ख़जा नगरी महाराजा नगरी
ख़जा उसमा के दुलनिया ख़जा नगरी
और चलो बढ़कन के दुलनिया ख़जा नगरी
ख़जा दूला बने आज की रात है
चलो बढ़कन के दुलनिया ख़जा नगरी
चलो बढ़कन के दुलनिया ख़जा नगरी
हो मोरे फालते
ओ मुरे पाजा महराजा
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