Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
आइए प्रेमी बक्तों ब्रस्तुर करते हैं बाचल मैया और राजा देवर जब नगणी को छोड़ करके निकलते हैं तो रजधानी का बुरा हाल होता है
गोगा दी जहारवीर के माता बिटा रजधानी छोड़ रहे हैं उस समय का वालो सुनिये
गोगा दी जहारवीर बाबा की गुरु गोरखनात माराज की
क्या बताया
चली मेहले ते बाहर निकल के जेवर जंग बाचल राणी
रोवन लागे नर लाडी आँखों से तपके पानी
रोवन
वन लागे नर नारी
आँखों से टपते पाली
कबड़े कहें आँखू सन रजा राणी में पारे
साथ्वू सत्न्यांशी माने दोनोंने तन पे धारे
साथ्वू सत्न्यांशी माने दोनोंने तन पे धारे
पैरों सा बूट उतारे बाबन चलती महरानी रोबन लागे नर नारी आखों से तबके पानी
पैरों सा बूट उतारे बाबन चलती महरानी रोबन लागे नर नारी
मिल जंगली जीव बनो में राणी तू दर जावेगी
सुन सुन के घटरावेगी
सुन सुन के घटरावेगी
राणी आवाज दरानी
रोबन लागे नर नारी
आखों से तबके पानी
रोबन लागे नर नारी
आखों से तबके पानी
चलते चलते दोनों को
जब हो गई रात अधेरी
राणी ठकी हारी सोची
राटा बन बेखा पहरी
राणी ठकी हारी सोची
राजा बन बेखा तहरी
जब घर दिन जा गहरी
चल दिया छोड महराणी
रोबन लागे नर नारी
आखों से तबके पानी
रोबन लागे नर नारी
आखों से तबके पानी
क्या पता रविंदर हर की
वो क्या से क्या कब करते भर हुए को खाली करते खाली को फिर से भरते
जो मात सारते वरते लिखे तवर कभी आज्यानी
रोवन लागे नर नारी आखों से तपके पानी
चली महलते बाहर निकलके जेवर संग बाथल राणी
रोवन लागे नर नारी आखों से तपके पानी
रोवन लागे नर नारी आखों से तपके पानी
रोवन लागे नर नारी आखों से तपके पानी
रोवन लागे नर नारी आखों से तपके पानी
रोवन लागे नर नारी आखों से तपके पानी
रोवन लागे नर नारी
नर नारी आँखों से टपके पानी रोवन लागे नर नारी आँखों से टपके पानी
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