अईसे तको तही न होला पुर्गराम जी
देखा यासे का आख छुवा न समान जी
देखा दूरे गहा
अईसे तको तही न होला पुर्गराम जी
देखा यासे का आख छुवा न समान जी
हर देखके दुनाली जाला जेया घब राइरे
अच्छा सुना
चाली जा बुछाना तो किनारा न भेख
अच्छा, मुझा लो, आरे चोली जा बोछारा तो किनारा ना भेटाई रे, अरे मुझा येक छोड़बा का, ता गा गुझा तारो,
अच्छा, मुझा लो, आरे चोली जा बोछारा, ता गा गुझा तारो,
अच्छा, मुझा लो, आरे चोली जा बोछारा, ता किनारा ना भेटाई रे, अरे मुझा येक छोड़बा का, ता गा गुझा तारो,
अच्छा, मुझा लो, आरे चोली जा बोछारा, ता गुझा तारो,
रातु भोधा माल होई, बुरा तोर हाल होई, चोल की हु माचुना ता बालका बवाल होई, बोले लता भी तहरी ले, डौर लाग माई रे,
चोली जा बोछारा, ता किनारा ना भेटाई रे, आय हो ता दे, तोर लाग ता रे,
उसको ना कीजे पारा तो किनारा ना
हे काई रो खराब जाए दुना
अच्छा तक बिग बजो
आई हो तो दा