मेला देखे किसो,
किके ना हो खेला भया
देखी अमरे भोला भया,
अपने चोटकी के संगे
मेला देखे जाद बढन,
कबो कबो ऐसे नो होला भया
कि मेला में बहुत बड़ा जह मेला हो जाला
देखी अमरे भोला भया के साथ का होद बाग
जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद
बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा
जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद
बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद बढ़ा जाद ब
बाबू जी इनकार जो करी हैं माई के पुसलेहा
जाता नी सक्या के घरमां बसयत ने बतलेहा
बंधन के तयार होई के छट पर अपने येहा
नीचे हम हुँ ठाड़ रहा ब कुछ संका होई बतलेहा
अउरी के हुँ ना टोके दी भर के देख हम तोके देदी हा सिगनल कोके
चला मेलवा देखाई चला मेलवा घुमाई
चला मेलवा देखाई चला मेलवा घुमाई
गोड़ रङवले पहिर पहजनी भौजी मटकत जाली
अंडा डोयाले हले चमपाकू बजले बीखाले
कान ही बोरा बगल में जोरा बुढ़वू हिलत जाले
नया अंगव चाहाथ में सोटा मल के सुर्पी खाले
बागरे में कंठी माला बुढ़वू के ठाट निराला
तुरही से भीड देकाला
चला मेलवा देखाईं चला मेलवा घुमाईं
नेहक सागर उमरी गयील तै कैसे केहू समारे
धर से निकल के छोटकी आपन निकरल रूप समारे
छन में भोला के देखाईं ली छन में ओड़नी समारे ली
हासें गाल गढ़ा परिजाला आपन केस समारे ली
कनवां में सुभए बाला सुखर गरवां में माला
लखी रूप चाद सरमाला
चला मेलवा देखाईं चला मेलवा घुमाईं
चला मेलवा देखाईं चला मेलवा घुमाईं
छोटकी के संग मुस्कियात कै मेला देखाईं भोला
गुमसुम बाडू काहें गोरिया काखाईं भू कुछ बोला
खसल भीड बासम हर के चली हाँ कानु में कहलैं भोला
रस से भरल रस गुला खाईं भूया किखियाईं चोला
मरतरम के गलवा लाल भाईल छोटकी के अजमे हाल भाईल
चला मेलावा देखाईं चला मेलावा घुमाईं
चला मेलावा देखाईं चला मेलावा घुमाईं
जुला जुलली सरकस देखली साज होई गईल मेला में
भारी लपडा होई गए भईया मंगरू भूरू अचेला में
एक पे एक गिरैले पबलिक बोली चली गई मेला में
आईसन धक्का लगल भीड के हाथ चूकी गई मेला में
अब ते भोला पगलाईले छोटकी छोटकी चिलाईले
मेलावाईं में भाईल जमेला
चला मेलावा देखाईं
उमडल बागवा टोला कातो हम चल भू बोला छोटकी से कहलन भोला
चला मेलावा धुमाईं