जल्ले जल्लेशाम की छत्री के निचे चलशाम की छत्री के निचे गंगे बादल छट जाएंगेशाम की छत्री के निचे चलसमझ के बादल छट जाएंगेजब छाऊ मिलेगी बाबातीजब छा मिलेगी बाबा की दुख रे तेरे कट जाएंगेक्यों दर दर जाके रोता हैक्यों अपनी हसी कराता हैक्यों अपनी हसी कराता हैतू कर ले भरोसा बाबा पेगर तेरा शाम से नाता हैगर तेरा शाम से नाता हैगर तेरा शाम से नाता हैहारे के साथी है बगले हारे का साथ निभाएंगेहारे के साथी है बगले हारे का साथ निभाएंगेजब छाउ मिलेगी बाबा की दुखे तेरे कट जाएंगेजब छाउ मिलेगी बाबा की दुखे तेरे कट जाएंगेजो शाम के सचे प्रेमी हैवो हिम्मत कभी भी हारे नाचाहे सुख हो दुख हो शाम रटेकिसी और का नाम पुकारे नाकिसी और का नाम पुकारे नातेरी आख से आसू जब निकले तेरी आख से आसू जब निकले ये दाड़े दाड़े आएंगेचल शाम की छटरी के नीचे गम के बादल छट जाएंगेचल शाम की छटरी के नीचेछंदे छंदे लीजे नीचे छंदे बादल खट जाएगेजा पूछले शाम दिवानों से जिनको मेरे शाम का साथ मिलाजिनको मेरे शाम का साथ मिलाजब जब कोई संकत आयासर शाम प्रभू का हाथ मिलासर शाम प्रभू का हाथ मिलारोमी के जैसे लाखों हैंजो बात यही बत लाएगेरोमी के जैसे लाखों है रोमी के जैसे लाखों है तो बात यही बदलाईचल शाम की छटरी के नीचे बम के बादल छट जाएंगेचल शाम की छटरी के नीचे बम के बादल छट जाएंगेजब छाम मिलेगी बाबा की जब छाम मिलेगी बाबा की दुख दे तेरे कट जाएंगेजब छाम मिलेगी बाबा कीजब ज़्मामें लेगी बाबादी भुखें तेरें खट जाएगीजल शामें छट रिघे नीचे जल शामें छट रिघे नीचेरमजे बादल तट जाएगी