हालो
चैतमे आईता शाईया तू हूँ भावनवा जुलुम मचवले हो बाते बैरी जो बनवा
आउर सुनी एबलंग
सुनावा
जरत बदनवा हो जैसे जरता धारतिया
कहिया बरिस बाई साईया बन के सावनवा
अरे पागल हम के बुजा था तो के बुखार जादा हो गया ला
अतने चल जो डाक्टर अदमिन्दर राज ज़िमन्दा हमे
उनसे तनी धर्मा मीटर सु चेक करवा के दबावा लेले
अरे नहीं एसाया जी बुखार नहीं के आई बात हमाली सुनी
सुनावा
अरे पिय बीन शून लागे हमरो से जरिया
पिय बीन शून लागे हमरो से जरिया
लागत सुन गोधिया नहीं केला लनवा
आओ सुनाये संया जी
सुनावा
बाजिन काही सुना सब है बुकार
सुन गोधिया
ए रजा जी का हो आउरले हैं इस उनी सुनावा
मन कर मारी हो जाईं
खाई के जाँरवा
हली खा का बी मू के सगांवे चैताई गनवा
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