चाहे अमीर हो, चाहे अरीब हो
हर कोई प्यार का प्याता है
जाने क्या क्या हर एक दिल में अर्मानों का मेदा है
चाहे अमीर हो चाहे घरीब हो
हर कोई प्यार का प्याता है चाहे अमीर हो चाहे घरीब हो
प्यार दिना ये जीवन थारा बोरा का घज़र रहता है
प्यार दिना ये जीवन थारा बोरा का घज़र रहता है
कौन है पेरे कीतों में जो चुके चुके कहता है
वो बगनामन कहता है जो हत हस के दुख सहता है
चाहे अमीर हो चाहे घरीब हो
हर कोई प्यार का प्याता है चाहे अमीर हो चाहे घरीब हो
प्यार दिना ये जीवन थारा बोरा का घज़र रहता है
कौन है पेरे कीतों में जीवन थारा बोरा का घज़र रहता है
आते जाते दोख मिदे हैं लेकिन अपनों का कोई नहीं
वो भी मन का भीद है पेरे शायद वो है यही कहीं
मैंने अपनी तत्हाई में पल पल जीत को सोचा रहा हूँ
मैंने अपनी तत्हाई में पल पल जीत को सोचा रहा हूँ
चाहे अमीर हो चाहे घरीब हो हर कोई त्यार का त्यासा है
चाहे अमीर हो चाहे घरीब हो
गीत सुने तेरे को मैंने जाने दिया के तुम है मिरा
बादा है ये मेरा तुझसे छोड़ूंगे न साथ तिरा
तेरे लिए नहीं मेरे दिल में त्यार का दर्या दहता है
चाहे अमीर हो चाहे घरीब हो हर कोई त्यार का त्यासा है
जाने क्या क्या हर एक दिल में अर्मानों का मुझेदा है
चाहे अमीर हो चाहे घरीब हो