चाहत में एक दर्द छुपा है दर्द महापत कहना है
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही से के गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है
पुसके चूने से मस्ते आज जवानी है समझे
आज जवानी है समझे
उसके छुने से मस्ते आज जवानी है समझे
उसके छुने से मस्ते आज जवानी है समझे
उसके छुने उसके छुने उसके छुने
आज ज़मानी ऐसे महके जैसे बारिश की भूदों से मिठ्पी में पुष्बू आए।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
दिने मासं बिट गए और दिवानी दर्वासे पर बैठी है आस लगाए।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
जो इस दर्द का मतलब समझा वो ही इसके गुर्गाए चाहत में एक दर्द छुपा है।
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