पुरा गौवा
चीख के देखे परीत जाए बड़ूआ
बाते दिवाना हमार पुरा गौवा
कोही आने करब नही नही जीजज़ाजी
नही नही जीजजाजी
मनुबड़ा उर्णही मनावाः के रोकी
जीज़ा हावी हमारा पहोखी
मन बड़ा उरण ही हमारा के रोकी
जीज़ा हावी हमारा पहोखी
चाहे नी चोबे भी छाल ही चाटाई जीजाजी
हो ले प्रियो धरसी ना दीदी के खोबोर
आइंचो रूप गधर मचाईं जीज़ाजी
चाहे निचो वे बिछाल ही चटाईं जीज़ाजी