अधूरी रातों में साथ है ना मेरे
बिखरी जुल्फों को तेरी सवारू
देखते ही तेरी नजर मैं उतारू
कांदे पे जो तेरा सर लखाओ
जो तेरी नीद ना खुले मैं हिलना पाओ
दिल ये चार का मारा
को ना ना तुम दोबारा
दिल ये चार का मारा
खोना ना तुम दोबारा
तेरी खातिर बरे मैंने
वो जख्म भी जो पुराने थे
तवाई मौझूदगी तो तेरी
बात ऐसी है पुरानी
सोचा था के बितानी जिन्दगानी
तुमने ले और लिख दिये कहानी
पूरी हो गई दुआ जो मन से मागी
दिल ये चात कामारा खोना ना तुम दोबारा
करते हुए दिनों के लिए देखने के लिए देखने के लिए देखने के लिए