प्वे... प्वे... प्वे... प्वे...pect....
काहे मुहाँ अफुलैनु मेल की निहो
चलो chatlu अनु बैझरि हरी की निहो
दखा, खिस्मत बना बना! बुझा मु....
कहे मुहा अखुलै लुमलकी नीह, चोला चोला न बजारी हरिकी नीह, बड़ु खिस्याई कोना दूखे दूखे
बड़ु खिस्याई कोना दूखे दूखे
कट्टाता हमार दिन रापे, नसुक कोनोखे, बोला हे राका चोले भूके
कट्टाता हमार दिन रापे, नसुक कोनोखे, बोला हे राका चोले भूके
बोला हो
चोले भूके
बोला हो
चोले भूके
चोले भूके
परिसानी बोला, हमसे रैनी बोला, नाई दूसा या गूसा, तुमु हवा खोला
देखा, दूरी बनिल रहा था, क्या ना रहा भग हादावा, जाये ता हमके नाई हादावा
होई बदाना मी लोगो लाहकी थुके, पिछादे कट्टा ता हामार दिन रोके, ना सुख कोनो होके, बोला ही लाका चुले पुके
होई बदाना मी लोगो लाहकी थुके, ना सुख कोनो होके, ना सुख कोनो होके, बोला ही लाका चुले पुके
जुठ रोवेलु नाया सुरुके, जुठ रोवेलु नाया सुरुके
होई बदाना मी लोगो लाहकी थुके, पिछादे कट्टा ता हामार दिन रोके, ना सुख कोनो होके, बोला ही लाका चुले पुके