अमरे माथे के पगडी सान हावे हो
सुना काने के गमचा पहचान हावे हो
खाती होई दे हाती तुम बूझते नहीं
बिना ईजद के हम कोईं रुकते नहीं
बिना ईजद के हम कोईं रुकते नहीं
हम बिहारी है हर जागा जुकते नहीं
पिना इजद के हम कोई रुकते नहीं
हम बिहारी गए हर जागा जुकते नहीं
जब बिहारी के माथा सो टक जाला हो जे भी पड़ेला सो जाया टक जाला हो
चोटा मैतर में कभी कूदते नहीं
चोटा मैतर में कभी कूदते नहीं
बिना इजद के हम कोही रुकते नहीं
बिना इजद के हम कोही रुकते नहीं
हम कोई रुकते नहीं
हम बिहारी है हर जागा जुकते नहीं
नाईज़त के हम कोई रुकते नहीं
हम बिहारी है हर जागा जुकते नहीं
हम बिहारी के अलगे कहानी बाहो
खुन गर्मी के इखान दानी बाहो
हम बिहारी के अलगे कहानी बाहो
खुन गर्मी के इखान दानी बाहो
चोहन बिंदर जी समझते नहीं
चोहन बिंदर जी समझते नहीं
बिना इजत के हम कोई रुकते नहीं
हम बिहारी है हर जगह जुकते नहीं