रुची का चंगड
तन्न होला होला डंग दरी होती क्यों कर लड़ गावी चुआ
एक्तो बीज मरो बिच्छुएं का रिक्हे
एक्तो बीज मरो बिच्छुएं का
पर तने भी द्या न कती ओती लड़ गावी चुआ
अमें तो मरी होती आज मरी होती लड़ गावी चुआ
पेरा सहस फुलारी थारी का खारा
पेरा सहस फुलारी थारी का खारा
रह कड़ा दा था तहान तेरा क्यों कर लड़ गया बिछुआ
तन हल हल डंज दरी होती क्यों कर लड़ गया बिछुआ
लागे सची हीस मेरे बैद न बुला दियो
लागे सची हीस मेरे बैद न बुला दियो
चस चस कर रहा गात मेरा लड़ गया बैरी बिछुआ
मैं तू मरी होती आज मरी होती लड़ गया बैरी बिछुआ
नाें जानदियो मैं दोर तन होड़ दियो अलग ना
पपा से पेक तरफा चोधर तेरी
क्यों कर लड़ जावी छूआ
अन्ना होला होला गंध दरी होती
क्यों कर लड़ जावी छूआ