सिवमन्मोहिली कोटिगा स्टुढियो दिल्बी
भूले गईला यार हमके पगली बनाके
भूले गईला यार
हमके पगली बनाके
यह जादा
माई के हाथे कोई बार तुहरे कारण पिटाइने
अखिया से अशो गिल गई उड़नी में पुछ ताने
पुरा ना ही भोये प्रभाराज के प्रेम कहाने
नन्दति सर कुछ ना मिले हमके रुवाके
मन मोही कुछ ना मिले हमके रुवाके
भूले गईला यार हमके पगली बनाके