वो रहो गई लूरब से पूट रहो गई
बालिन तोफ़े फूल सजाखे रह निहारी
मय जागी
छिरये अभी तोहर करता
मय जागी सुरू जवाया ज़ोर करता
भोर हो गई पूरब से फूताता लाल कियारी
मालीने तोपे फूल सजाके रहूए राहनी हारी
मय्या जागी
मय्या जागी चिरईया बीटो हर्व करता
मय्या जागी तुरुजवाया जोहर करता
सप्ना में गंगा के पानी से हम दो
तोहरा पखारीले मय्या चरंग
सप्ना में गंगा के पानी से हम तोहरा पखारीले मय्या चरंग
चातीया मूर मूरने कोयल गाईल क्यारी
बखता तुरके आईल बाते फूजा के तयारी
मय्या जागी मय्या जागी चिरईया बीटो हर्व करता
पहे भूरहरी में पुर्वी पवंद
मनोतानisse
आइल भोर पवर से खोला प्रेम दुआरी
मैया जागी
मैया जागी चीरईया भी तोहर करता
मैया जागी सुर्जमाया जोहर करता
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