भंगिया का मैं लिखूंगी इतिहास रे भोड़े
भंगिया का मैं लिखूंगी इतिहास रे भोड़े
होना चाहिए तने भी
होना चाहिए तने भी एहसास रे भोड़े
भंगिया का,
भंगिया का,
भंगिया का मैं लिखूंगी इतिहास रे भोड़े
भंगिया का, मैं लिखूंगी इतिहास रे भोड़े
गोरा रहे मेरी साही कहाणी लिखी दे
भंगिया है भोले की
जिनगानी लिखी दे
गोरा रहे, गोरा रहे
और मेरे सारी कहानी लिकी दे
सांज सवेरे जम्के पीवें
देखे नई दोपहरा कैसा रस्थिया बना भाँगा
ख्याल करेना मेरा बनगा तू भंगिया
बनगा तू भंगिया का मो ताज रे भोड़े
भंगिया का मैं लिखूँगी इतिहास रे भोड़े
जब से घट में पसती है भंगिया
मसती है बड़ी न्यारी
ना चिंता मने किसी की गोरा मोज में रे भंदारी
जिन्दगी है मेरी तब से सुहानी लिखी दे
ओर अर मेरी सारी काहणी लिखी दे
साँज सवेरे भोले नात जी देहल बजाऊं तेरी
नातने बच्चों की भोले नाही फिकर से मेरी
भंगिया का बनगा
तू दास रे भोड़े
भंगिया का मैं लिखूंगी इतिहास रे भोड़े
तेरे बिन क्या मेरा कोरा तू ही चान है मेरी
ये बताते इसी दुनिया को
तू पैचान है मेरी
हो पीते है में हर की पूरानी लिखी दे
ओर अर मेरी सारी काहणी लिखी दे
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