लेकिन आज नारी जो है वो अपना दाइत भूलते जा रही है
आपको सजग होना है क्योंकि यह संसार नारीयों के बल पे ही टिका हुआ है
आप पुरुष ध्यान दे अगर नारी ना हो
तो बताई आपका जन्म संभो है क्या
नहीं है
आहुआ है इसलिए नारियों का सम्मान भी बहुत जरूरी है यत्र नारिया स्तुपुज्यंत तत्र
रमन्ते देवता जहां नारियों की पूजा होती है यहां नारियों का सम्मान होता है वहां पर देवताओं का
वास होता है
लेकिन नारीदी भी
अपने दाइद्व से पीछे ना हटे
आजकल की नारिया
अगर कोई वर्दान लांगे तो पहले एक बार
सोच लेना समझ लेना
फिर ही कुछ आप अपने भक्तों को
देना
तो संकर जी ने कहा कि अच्छा ठीक है
महिला ने कहा ठीक है परभू
आप जो भी बात कहें मैं मानने के लिए तैयार हूँ
तो भगवार ने कहा कि मैं वर्दान तो दूँगा
लेकिन
जो वर्दान तो मैं दूँगा
उसका दुगना
उसका डबल तुम्हारी सास को दूँगा
ओ महिला
वर्दान का आप मुझे दीजिए कहा कि मुझे सबसे सुंदर बना दो क्या बना दो सबसे सुंदर बना दो मेरे जैसा कोई सुंदर रहे ही ना सिफ मैं बस रहूं भगवान ने का ठीक है तथा अस्तू जैसे ही वो सुंदर हुई उसकी शास बगल में थी जो बुड़ी हो ग�
चमकने लगी वो साडियों में लंबे लंबे बाल हो गए अब उसने देखा बगल में अरे सास तो मुझसे भी सुन्दर बनाई
इर्शिया होगी ही अगर कोई आप से चादा सुन्दर वेक की सामने आ जाए तो कहीं न कहीं तो इर्शिया होगी यह मेरे से भी खुबसूरत है अब उसने कहा कि अब ठीक है जो भी हुआ दूसरा वरदान मांगती हूँ तो अब बगवान ने कहा ठीक है अपना दूसरा वर�
को ही न भगवान ने कहा ठीक है तथा आज तू कि वह खूब पैसे कूब माला माल हो गई उसके जैसे कोई धनवान नहीं लेकिन भगवान ने तो शर्ट रखा था कि तुम्हारे दूगना पिमरी शास को मिलेगा उसकी साथ डबल दुग दबल धनवान हो गई उसके पास भ
पकवर ने का तीसरा वरदान मांग तक दिमाग लगा था और कहा बगवान से बगवान फिर यह आखी मरदान बचा है
तीसरा वरदान मेरा तीसरा मैं यह मांगना चाहती हूं तीसरे वरदान के सब्सक्राइब करें सिधा�र उन इंटरवेश्प उस
को हलका सा हाट अटेक आया और उसकी सास दुगने हाट अटेक में सीधा ऊपर भगवान ने सुना था कि नारियों के पास
बद्धी थोड़ी कम होती है यही धोखे में उससे सारा वर्दान देते गए और आज भगवान उस वेक्ति को ढूंढ रहे हैं
जिसने यह बताया था कि नारियों के पास कम दिमाग होता है तो ऐसा नहीं है जबकि पूरा विपरित है
पुरुषों के अपेक्षा इस्त्रियों में बौधिक कम का जो होती है वह अधिक होती है कि देखिए पुरुष्यों तो सिर्फ
बाहर का काम करते हैं शिव बाहर का काम करते हैं वहीं तक सीमित होते हैं लेकिन अगर कोई वर्किंग वुमन है तो वो घर का भी काम करेगी
सुबह से उठ करके जाड़ू पोचा से लेकर टिफिन बनाना
अगर बच्चे हैं तो बच्चे की टिफिन बनाना
उनको स्कूल भेजना, उनका वर्क कराना
हर चीज फिर खुद का वर्क करने के लिए बाहर जाना
तो बताईए
किनकी बहुत दिख्षमता जादा
तो इसलिए आज नारेव का सम्मान करना बहुत जरूरी है
तभी ये देश आगे बढ़ता है और तभी
हमारे देश का और भी विकास होगा
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