गाजा बिना मन भटके
जब से चड़ाला बाला सावन महीना भोला के मनावा खटके
गाजा बिना मन भटके
जब से चड़ाला बाला सावन महीना भोला के मनावा खटके
गाजा बिना मन भटके
सावन आईला मन बाउरा आईला चीला मखूबे पटके
गाजा बिना मन भटके
गाजा बिना मन भटके
गाजा बिना मन भटके
सुन सुन गउरा मन हो सुन बार
हमरा से रही हो
बचके देखी भगतन के हमरो मना कौरेला या सही नचके
हर चीलम चड़ा दो हमें पिया दो नहीं ता यखिया मटके
गाजा बिना मन भटके
जब उसे चड़ा लगा सावन महीना भोला क्या मना खटके
गाजा बिना मन भटके
गाजा बिना मन भटके
राम धनपूर
देखा देखा गउरा भगता
कैसे कैसे चलता कटके
जंगता भगता भगता महीना भोला क्या मना खटके
गाजा लवा लाइके सेवका देखा कोई से कोई से धारता
अरे पर दिप तु आवा गितिया के गावा पंचम के गानावाली खला के
गाजा बिना मन भटा के
जब से चला बारा सावन महीना भोला के मानावाल खटके
हो गाजा बिना मन भटके
जब से चला बारा सावन महीना भोला के मानावाल खटके
हो गाजा बिना मन भटके
जबुसे चड़लबा सावन महीना भोलके मना माँ खटके
गाजा भीना मन भटके
सावन आईला मन बाउराईला चीला माँ खूबे पटके
गाजा भीना मन भटके
गाजा भीना मन भटके