जंगल पहाण पर मिरा खल चाहतावे
भस्मा भस्मु के मांगे परदानावा
ओहे दिल में बाईहे यारा मानावा
भस्मा भस्मु के मांगे परदानावा
ओहे दिल में बाईहे यारा मानावा
राखल चाहतावे आठावा का पारि पोर
तो भकति जल भोला जंगल पहाण पर
राखल चाहतावे आठावा का पारि पोर
भकति जल भोला जंगल पहाण पर
जंगल पहाण पर
राखल चाहतावे आठावा का पारि पोर
सुन्दर्सा लोना रुप गौरा के देखलस
सिधी करे खातिर सिव के लखे दलस
सुन्दर्सा लोना रुप गौरा के देखलस
सिधी करे खातिर सिव के लखे दलस
तहाबी हो गोईल उनका ही नर्पर
तो भागत जाल भोला जंगल पहाड पर
राखल चाहत आवे अथावा का पारल पर
भागत जाल भोला जंगल पहाड पर
जंगल पहाड पर
माचलत वाही देव करेलनु पैया
सिरिहर बिसडुजी भैले सहैया
माचलत वाही देव करेलनु पैया
सिरिहर बिसडुजी भैले सहैया
धाईले नारी रुप देव के गोहार पार
तब हागती जाल भोला जंगल पहाड पार
तर खल चाहतावे हद्धव का पार पार
भागती जान भोला जंगल पहाड पार
जंगल पहाड पार
जंगल पहाड पार
बीगन बिद्यार थी कबो पार नहीं पईबा, सन्तुस के सरिया भजनिया के गईबा
बीगन बिद्यार थी कबो पार नहीं पईबा, सन्तुस के सरिया भजनिया के गईबा
भस्मा मोह गोईल बिस्डु के सिंगार पर, भागत जाल भोला जंगल पहाड पर, एरा खल्चाहतावे हाथावा का पार पर, भागत जाल भोला जंगल पहाड पर
जंगल पहाड पर
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