भेस बदल का आय है मजणवा
मिलल तो ससुराल में
हाँ भेस बदल का आय है मजणवा मिलल तो ससुराल में
चोरी से
हम्रा इशरथ दी है रोजे बूहम घार में
भेस बदल का एबो गे रणिया मिलल तो रा ससुराल में
भेस बदल का एबो गे रणिया मिलल तो रा ससुराल में
चोरी से हम्रा हम्रा हम्रा चोरी से हम्रा
घर में लाज़ई है दॉली है तू अकबार में
भेस बदल का एहे मज़नुआ मिलल तो ससुराल में
जियरा चहे फिर हाल रे तू रे हम राम से
रणिया मिलल तो रा ससुराल में
लेला
मज़नु से बर्खा चैंचे अपन प्रेम कहाने
तो हर हम्र प्यार गेरनिया सागर के गहरा पानी
हम्र पसंद के पसंद के पसंद के हलुआ बनाई है
हांत से तो पना मुह में खियाई है जेना खियाई ले कुमार में
भेस बदल का एह मज़नुआ मिलल तो ससुराल में
भेस बदल का एवो गेराणी मिलल तो रा ससुराल में