काते वो
परेचर में हो आमो डालो ना हाथ तु थारे सर में हो
ये का कोहता हूँ भावजी
ये ज़वानी के बढ़धं परेचर में हो
आमो डालो ना हाथ तु थारे सर में हो
चोई तो में उठाव चाचाई कलेबू
भावजी ये हुखे ग्राथाई कलेबू
आरे सर्मधाराई कलेबू
ए भावजी रहेने आओ
देवारे पराही जाना गरमी के दिन में
थाने जाना कोरा कुनावा जोरत होई जमीन पे
भावजी ये हुखे ग्राथाई कलेबू
आरे सर्मधाराई कलेबू