आटकोने चाटकोने दोही चटाके
आटकोने चाटकोने दोही चटाके
बहुत दीरे पापी धराके
रोजे के रोजे इकारे ललीला
पूरा बदन हामर कईले बढ़ीला
गारे गजन साही में हर के नाते
भाके जो बनवादाते लगे ताथे
बेले बच्चिल बिले चालल नजाता
हम हूं तगण्यागराके
आटकन चाटकन गाही चाटके भाता
रहा रे भाँ दी रे पाटी धराके
आटकन चाटकन गाही चाटके भाता
तार मारे भाव जीरे पाटी धारा के
तुझी जे बाहर बावे तासी के फेरल
कोई लस्थ जियन हो जवानी के लेरल
सूझित सवेरा पासा दिहलत नातिया
ओकरे कारण हाँ अर भाईल दूरा गतिया
तारे पतारे उला गेला कौरे
घर में गबाती जराके
आटकाने चाटकाने दाहि चाटके
भातार मारे भाव जीरे पाटी धारा के
आटकाने चाटकाने दाहि चाटके
भाटार मारे भौजी रे पाटी धारा के
अर कहा जाई रे