उनी जिवाय अनी राज
हमर भातारे सक्खी चले गये दीली,
लागे किसे जी आके सुखा नहीं मिली
रहो बकवैशे का बताइइ रे सोथी,
छोटे बाधे औरा पलंग कैसे ही ली
भातारे सक्खी चले गये दीली,
लागे किसे जी आके सुखा नहीं मिली
रहो बकवैशे का बताइइ रे सोथी,
छोटे बाधे औरा पलंग कैसे ही ली
लागे किसे जी आके सुखा
नहीं मिली रहो
लागे किसे जी आके सुखा नहीं मिली रहो
अदोहन के पानी लेखा जरत जवानी,
मुआना मरद नहीं बुझे परसानी
आजूले थूकलसना लहाँगा में कीली,
रोजे रोजे हो मतरस तबीली
रहो बकवैशे का बताइइ रे सोथी,
छोटे बाधे औरा पलंग कैसे ही ली
निरीद बाई आने जाज
पिरंजी बी पिया रहोले काती लहो,
इने काछे निकरोहे यरावाया निलहो
लागे जावानी के फूला ना ही कीली,
जगहा पर गडीले बरफ कैसे ही ली
रहो बकवैशे का बताइइ रे सोथी,
छोटे बाधे औरा पलंग कैसे ही ली
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