भूतों की चोली लंगी
भूतों की चोली लंगी नंदि की सवारी
बास्म से सजे है मेरे भोले भंडारी
बास्म से सजे है मेरे भोले भंडारी
भूतों की चोली लंगी नंदि की सवारी
बास्म से सजे है मेरे भोले भंडारी
बस में से सदे है मेरे भोले बंधारी
आरे आरे संभू नमाशिवार, ओम नमाशिवार
गंगा विराज जटा में गले शर्फ माला
भांग धतूर से घिरा है अपना काशी वाला
गंगा विराज जटा में गले शर्फ माला
भांग धतूर से घिरा है अपना काशी वाला
अपना कासी वाला चमचम चमक रहे है देखो अपने त्रिपुरारी भस्म से सजे है मेरे भोले भंडारी
आज दूध की भराएं पहती इनके लिलाट पे भगतों की तोली ख़री है इनके कपाट पे
आरा आरा वापे दूध की भराएं पहती इनके लिलाट पे भगतों की तोली ख़री है इनके कपाट पे
दर्श कर ले एक लिल चंदरा
दर्शन कर ले अखिल चंदन, इन में सिर्ष्टी सारी, बसम से सजे हैं मेरे भोले त्रिपुरारी