भारत मा की भूमी को नमन हजारों बार
जिस आचल में फूलों के
विखरे रंग हजार
रिशी मुने की धरती है नदियों का है धाम
जहां पे आके जन में है
श्रीराम घनशाम
मंदर और शिवानों का वीरों का है देश
पहले अपना
देश है
पीछे कुछ है शेष
अपनी मा की आन पर हो जाए कुर्बान
जै हो भारत माता की
जै हो हिंदोस्तान
भारत
देश महान मेरा भारत देश महान
भारत मा की सरहद पर खड़े है वीर जवान
उकों के साइ में खड़े है सीना तान
लाखों वीर शहीद हुए हुए है तब आजाद
वीरों का बलदान वो हम सबको है याद
आजादी कैसे मिले इसे न जाना भूल
खून से
तभी खिले है फूल बंदों के तोपे चले चले तीर तलवार
तब पहना मा भारती ने आजादी का हार
भारत देश महान मेरा भारत देश महान
देश महान ने खोया पतियों को मा उनने खोये लाँ
खेली होलिया खून की हमने सालों साल
वरशों तक हम पर हुए जबरन अत्याचार
फिर भी बेश के शेरों ने कभी न मानी हार
मेरा भारत देश महान फूल मुलाबी वाले को सौप दिया ये देश
अहिंसा परमो धर्मख का फैला के संदेश
लाखो जले लाखो मरे लाखो कटे थिशीश
राजनीती के पाटों ने
बिया सत्य को पीस
बकरी मेवा खा रही चरखा चले दिन रात
कच्चा सोत मजबूत है
चरखा चले दिन रात
ज़िन बांटी रेवडी सब अपने को दिए
देश के माल खजाने वाला
बेसी घीगर पीड़
भारत
देश महान मेरा भारत देश महान भारत
देश महान मेरा भारत देश महान
एसे नहीं आजादी पाई लाखोनी है जान गबाई मज़ा ले गया चरखा नारी आगया
दूद मलाई सारी रान पृताप छट्र पति शिवर बीर मराथान फेशं भाजी राजा पित्वी
राज चौहाण जो पूरी पर पर पर पर पर पर पर पर पर पर पर पर पर पर पर �
श्री
बुर्गोविन्द बन्दा बहादूर हिंद की आन
पे जान लोटाकर धर्म के उपर चलना सिखारा
सिखोंन कितनी लड़ी लड़ाईं
देश के खातर जान गवाईं माओने अपने बेटे खोएं आजादी के बीज़ ते बोओंएं
याद करो
नेटा सुभाश को उनके भाशण उनकी बात को सस्ती
नहीं है ये शह्जादी उनकी बदले मिली आजादी
जलीया वाला बाग अभी तक कांड है सब को याद अभी
तक आजादी के दीवानों पर जली गोलीया मस्तानों पर
अभी दिलवा गए
चर्खे से बैताल
राजनीती के चटकारे में
कट गए नाखों बटवारे में
तूटी पायल तूटे कंगन
अपने ही अपनों के हो गए दुश्मन
लाशों के धेर पे सत्ता पाई
बेशर्मों को शर्म नाई
सिसक रहे थी
भारत माता
ओनी बन गए बाग्रे विधाता ऐसी खेली खून की
होली हसती रही कातिलों की टोली फैक रहे
शत्रंजी पाशे
ओपर
कुरसी वीचे लाशे
कट गया चर भारत माका
बह गया काजल भारत माका
काट के बात दिया धर्ती को
सावर करने सही यात ना
ऐसी कोई नहीं यात ना
हो जो सावर करने
बेश भक्त का काला पानी ही अपनों की कारस्तानी
साझ शरची गई थी भारी
नाम कहीं भी लिखा नहीं है
देश के दो तुकडे करवा कर पहले पाकिस्तान बना कर
बाद में ऐसा खेल रचाया आज तलग जो समझ ना आया
हिंदुस्तान का दरपण देखो
भारत माका आंगन देखो
ध्यान से देखो हे श्रीमान
सडकों के तुम नाम देख लो लिखा हुआ सर्याम देख लो
सडके हैं मुगलों के नाम सड़ा
सोची ये किस का है का
लिखा हुआ हर मोड पर अकबर बाबर रोड लगत नहीं है भारत को मुगल गए है छोड़
देखो नगर मुझफरपुर भी देखो
बाद फरुक का बाद भी जाना ऐसे हजारों नाम है बाकी
गली महले शहर गाव के मिलेंगे सारे मुगल नाम के चार तरफ है यही नजारा
बात सुनो दिल्ली नगरे के जहांघीर सुल्तानपुरी के सीलंपुरी जाफराबाद
है मंगोलपुरी आबाद तुगलक रोड तुगलक आबाद
थोड़ी दूर फरीदाबाद महरोली की कुतुब मिनार ऐसे ही दिल्ली में गेट है चार
अपने हिस्से का हक मांगो वरना सब कुछ खो बैठोगे
कुछ हिंदु ऐसे है देश में बैठे है कुटों
के भेश में अपनों को ही काट रहे हैं
उधर बढ़ रही है आबादी यही देश की है बर्बादी