ओ भंगीया पीनी कर दो बंद, भोले शंकर त्रिपुरारी
ओ भंगीया पीनी कर दो बंद, भोले शंकर त्रिपुरारी
शंकर त्रिपुरारी हो मेरे भोले बंदारी
ओ भंगीया पीनी कर दो बंद,
भोले शंकर त्रिपुरारी
भंगीया सेहत को नहीं अच्छी कहते नर नारी
फासी खुर्रा दमा स्वास की,
कर ते विमारे
ओ भंगीया पीनी कर दो बंद, भोले शंकर त्रिपुरारी
रोजाना पी पी के भंगीया ते है पड़ीकारी
रोजाना पी पी के भंगीया ते है पड़ीकारी
दोनों आँखे भीतर घुस गई, दोनों आँखे
भीतर घुस गई, सिकुडन है चारी
भंगीया पीनी कर दो बंद, भोले शंकर त्रिपुरारी
दो दो लोटा भरके पीओ दिन में दो बारी
कहिया
नाडी गोट गोट के गई वै भिहारी
भंगीया पीनी कर दो बंद,
भोले शंकर त्रिपुरारी