आओ कबड़िया आओ
आओ कबड़िया आओ
आओ कबड़िया तुमको हम बत लाएं भोले कहां मिलेंगे
अररर जहां भांका भोग लगेगा वही मिलेंगे
भांका भोग लगेगा वही मिलेंगे
सब की मन की आसा के देखो कमल खिलेंगे
अररर जहां भांका भोग लगेगा वही मिलेंगे
बंडार भरेंगे भोले मेरे संकर है तुरपरारी
भरी द्वार की नगरी भगतों को लगती प्यारी
चल भोला भोली नील कंट पे संचलेंगे
अररर जहां भांका भोग लगेगा वही मिलेंगे
बंड भोले
भरी द्वार की नगरी भगतों को लगती पे संकर है तुरपरारी
जन जूम रहा मदवाला भी करके भंगा प्याला
पल भर में विलकी सुनता मिरा बाबा भोला भाला
अरक्त भगुती भोले के यू तंप मलेंगे
अररर जहां भांका भोले
भोग लगेगा वही मिलेगे अर जहां भाण का भोग लगेगा वही मिलेगे