कि भक्ति करें कोई शूर्मा जाति बरण को लुख होए यह कामी और क्रोधी और लालची लोगों से भक्ति नहीं हो
सकती कितने लोग कहते भक्ति से फायदा क्या निकला इसमें कुछ लाख दो लाख मिल वह नहीं करें भक्ति से वह रुपियां चाहते
हुआ है अरे भक्ति से श्रमुंदी मिलती है भक्ति से सद्विचार मिलते हैं भक्ति से विवेक मिलता है वक्ति
से ज्ञान मिलता है वक्ति से सहांचीयता आती है वक्ति से बम खाने की शक्ति मिलती है और फिर उससे तुम सब
प्राप्त कर सकते हो, ये लालची आदमी भक्ती क्या करेंगा, और क्रोधी से भक्ती नहीं हो सकती है,
क्रोधी कुरू से भी नाराज हो जाएगा, भगमान से भी नाराज हो जाएगा, साल दो साल बना भक्त बनेगा,
फिर भक्ति छोड़ बैठे, भक्ति में बड़ी सहन सिलता की आउजासता है
आई है भक्ति लहरी आहो सब मिल के नाहा लो
आई है भक्ति लहरी आहो सब मिल के नाहा लो
मिलिके नाहाई लो चलिके नाहाई लो
आई है भक्ती लहरिया हो सब मिलिके नाहाई लो
आई है भक्ती लहरिया हो सब मिलिके नाहाई लो
गंगा जिन के चरन ननिकरी
चाहती है पग की धुरिया हो सब मिलिके नाहाई लो
चाहती है पग की धुरिया हो सब मिलिके नाहाई लो
मिलिके नाहाई लो चलिके नाहाई लो
आई लो मिलिके ना आई लो चलके ना आई लो आई हे भक्ती लहरिया हो सब मिलिके ना आई लो
आई हे भक्ती लहरिया हो सब मिलिके ना आई लो
ब्रह्मा भिषेनों हात को जोड़े ब्रह्मा भिषेनों हात को जोड़े
ब्रह्मा भिषेनों हात को जोड़े शंकर बने हैं पुजरिया हो सब मिलिके ना आई लो
ब्रह्मा भिषेनों हात को जोड़े शंकर बने हैं पुजरिया हो सब मिलिके ना आई लो
संकर बने हैं पुझरिया हो सब मिलके ना आईनो
आई है भक्ति लहरिया हो सब मिलके ना आईनो
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