भक्त बुलाये तू चली आनाभकत बुलाये मईया तू चली आनासीष पैसी समकुट सोहेचितवल जुनिया को मोहेबीरा में सरगं बजादो हे मातादासकी अर्मा सजादो हे माताभकत बुलाये तू चली आनातुही हो दुर्गा मा कालेबिल्द्धु बासिन मैहरवालेभूद चरन कैसे खाली है खालीदामल विशाये खला है सवालीभकत बुलाये तू चली आनास्वर संगीत की सागर मामैं हूँ यद जल गागर मागुरु लच्मन जी की अंतिम है इच्छाबनसी धर्माता की करना प्रतीच्छाभकत बुलाये तू चली आनास्वर संगीत की सागर मा