भक्त बुलाये तू चली आना
भकत बुलाये मईया तू चली आना
सीष पैसी समकुट सोहे
चितवल जुनिया को मोहे
बीरा में सरगं बजादो हे माता
दासकी अर्मा सजादो हे माता
भकत बुलाये तू चली आना
तुही हो दुर्गा मा काले
बिल्द्धु बासिन मैहरवाले
भूद चरन कैसे खाली है खाली
दामल विशाये खला है सवाली
भकत बुलाये तू चली आना
स्वर संगीत की सागर मा
मैं हूँ यद जल गागर मा
गुरु लच्मन जी की अंतिम है इच्छा
बनसी धर्माता की करना प्रतीच्छा
भकत बुलाये तू चली आना
स्वर संगीत की सागर मा
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