आइ योग फेर रुवासद के बीच में अध्यात्मिक पेस्कोरे जार हल बनी
आसाना पुरुर विश्वास भैक रुवासद के जरूर इगना अच्छा लागी
आइ कदम हिया तनी आपन खलकारी दिखाईँ
भोयिल पाते से तुहार हुँ
जज़ साहब के कोट में
भोयिल पाते से तुहार हुँ
जज़ साहब के कोट में
भोयिल पाते से तुहार हुँ
जज़ साहब के कोट में
पजसाहब के कुट में
बाल पर्रकोर्ग,
मारे मिला छायकर,
माम्पुप,
नारे मीला च्रीष चा Deviceροन семरे peach peace
परसकारदिला बानि भलालाषे बिंत रही कि यहाँ पत्पतिस्था बना रहो
नाती
कटल वरन्त तःार खुलल बफाईल
समतमिल घरे-घरे बाईल
कटल वरन्त तःार खुलल बफाईल
नैखान उकेल मोहरील हो
जज़ साहब के तोट में
भाईल पापे से तोहार हो
भलिया के आन मानसान
बेन्जु मकस ओधेश जी हमरा कदम भया के
बरमीत्र वेवं बडका भया कुमया के धर्ति से
अजारो अजार विप्या पुरुषकार दिले बन भया के
हम गाये कलकर संजे वियास भया के चनवा स्परस्ट करतने और गुर्ण लागतने
अतोहार
अशिर्बाद बडका भया हमने के गरजीवन के रुप्प मिलेला
आवरी का पड़ाम भया
गुरुरुज़ लिखतने
कहा
काऊन सबुत ये गावा ही ना लगी है
वोही तरे तकी है मोरील ना ही ठगि है
वोही पर्टी जागी है भोरी जागी है
कौन सभूत यागावाही ना लगी है वोही तरे तकी है मोरील नाही ठगी है
असेगानात के वीचरों असपस करता नी मस्तानमान करता नी
नैखे दरकार पे सकार हुँ जज्ज़ साहब के कोट में
नैखे दरकार पे सकार हुँ जज्ज़ साहब के कोट में
यह
छत्र में हम्राके
परिवार से पहुँ सगेच रेखाल बाहा
सबोसे पहले हुँ भाबोू जीके चारना अस्परस
करता नी और माईके भी गोल लारता नी
और साथ साथ में अम गुरुजी के भी पना चर्ष प्रस्ट करता नहीं
जोने है पुरा कथा के,
पुरा है एलबम के,
पुरा है कैसेट के
कहानी लिखले बाने
बिर्जमोहन अनारी जी के गोल लागता नहीं
पाछे बहस होई पल होई जीरा
नाचलिरिस्वत तु बानिला तु घीरा
खेके पोरी लाचार हो
जज्यसाहब के कोट में
भोईल बावें जिन्गोहार हो जज्यसाहब के कोट में
भोईल बावें जिन्गोहार हो जज्यसाहब के कोट में
भोईल बावें जिन्गोहार हो
जज्यसाहब के कोट में
बावें जिन्गोहार हो जज्यसाहब के कोट में हाई
देव रोहा सर्व के आशिर्बात दुलार प्यार के दिजार करव
फिर एक राबाद हमें के आपन नया एक एल्बम लेके आईब जा आपलोके भीच में
जय सुवल्दे जय भारत जय भारती समाज पाति