Nhạc sĩ: Chhote Babu Qawwal
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आशिकाने मौसिकी, कदरदाने घजलोगीत, आप सबों की मौबत और प्यार का अभरी, गाधने रिकोर्ड कंपनी और छोटे बाबु कववाल की तरफ से,
आप सबों को सलाम, आदाब और नमशकार अरज करता है शकील अन्सारी,
दोस्तों, गाधने रिकोर्ड की तरफ से काच की चूड़ियां, जी हां, काच की चूड़ियां सुपर डूपर हिट कसिट के मयानाज पनकार,
छोटे बाबु कववाल फिर एक बार पेश कर रहे हैं, एक नई उमंग, एक नया जोश, एक नए ढंग के साथ, नजमों और घजलों का एक ऐसा रंगीन संगम,
जहां सोज भी है, साज भी है, सबक आमोज और सरूर बख्ष घजलों का अंदाज भी है, साथ ही छोटे बाबु कववाल की मधुर आवाज भी है, तर ये पेश है शायर जनाब वैशी हौरवी साहब की ये खूब सूरत नजम,
जिसमें उन्होंने हालात हाजरा से मुतास्थिर होकर अपने तीखे तज़रूबों को मीठे अलफाज में ढाला है, कहते हैं भाई भाई में जगडा लगवलस गोर की, जी हाँ तो समाथ फरमाईये कैसे जगडा लगवलस गोर की, हाँ इतना इशारा जरूर करता चलूं�
धोका है देखने का ये कि रात है रंगीन
इस देश को सब कहते थे कल सोने की चुडिया
ये खेत, ये खल्यान, ये कुहसार, ये दरिया
ये जील, ये ज़रने, ये पहाणों की कतारे
हस्ता हुआ गुलजार, ये मोसम, ये बहारे
खुदरत के खजानों से है लब्रेज मेरा मुल्क
तस्लीम किया जाता है जरखेज मेरा मुल्क
इस देश की मिटी में है एक सोधी सी खुश्बू
इस देश की बोली में हलावत का है जादू
थामेल यहां हिंदू, मुसल्मान में आईसे
हो फूल कई रंग के गुल्डान में जैसे
इस देश की तामीर में एक साथ थे हम सब
अंग्रेजों को इस बात का एहसास हुआ जब
उस कौमे फरंगी ने अजब खेल ये खेला
इजाद किया धर्म का और मजहब का ये जगडा
फिर क्या था आलग हो गए
हिンドू और मुसलमान और हस के ये कहता रहा ताफरीद का शैतान
बैठल बईठल चतुराई दिखो लस गोर की
बाीथल बैठल चतुराई दिखो लस गौर क� Nolan
भाई भाई में जगडा लगो लस गोर की
भाई भाई में जगडा लगो लस गोर की
अंग्रेज यहां आये थे करने को तिजारत और आके बाना ली यहां गोरों ने हुकूमत
इस्ट इंडिया एक कमपानी हर शहर में खोली इस्टाक की ये असलह बारूद और गोली
मालूम हुआ उनका जो नापाक इरादा आजाधी के मतवालों में तूफान सा उठा
सब एक हुए जंग लड़ी भून बहाया अंग्रेजों से इस देश को आजाध कराया
जब देखा फरंगों ने के बेदखल हुए हम तो सोचा के एक चाल ये चल जाएं कम से कम
आपस में गले हिंदु मुसल्मान कटाएं मुम्किन है के कल भारती फिर हमको बुलाएं
एक जूत थी जो कौम उसे इस तरहा फोडा एक तीर बूझा जहर में नफरत का यू छोडा
हिंदु से कहा मुगलो की है मसजीदे मन्दिर मुसल्म से कहा हिंदू हुआ करते है काफिर
हिन्दु से कहा सारे मसलमाइन है दुशमन और मुसल quelle से कहा देशके हाकिम है बरहमन
हिंदू को ये समझाया के मुसलिम है बिदेशी मुसलिम से कहा मांग करो अपने वतन की इस तरहा फसादात हुए खूब वतन में और नफरत का धुआ आज भी उठता है चमन में
आजाद तो हम हो गये ए भई आजाद तो हम हो गये पर बटगया भारत और दीवार खिची बीच से और कट गया भारत के जाते जाते सियासत दिखाओ लस कोर की
भाई भाई में जगला लगाओ लस कोर की
ये सच है के जंजीरे उलामी से हैं आजाद हम अपनी हुकूमत में मगर हो गये बरबाद
अंग्रेजों के जाते ही लगी आगवतन में मैसूस घुटन होने लगी अबने चमन में सेराब हुई हून से पंजाब की धर्ती आसाम की मिट्टी से उगी लाशों की खेती
अपसोस मुतासिर हुआ बंगाल भी अबना और तूट गया नजरूलो टैगोर का सबना
कश्मीर जी से कहते हैं हम जन्नत अरजी बारूद के धेरों पे खड़ा आज हैं वो भी
ऐ काश के दुश्मन की समझ लेते ये हम चाल होता ना कभी अपने वतन का ये बुरा हाल
लाजिम है के गोरों की सियासत से बचे हम आपस में एवहशी सदा मिल जुलके रहे हम
ये अहड करे एवहई ये अहड करे एक थे हम एक रहेंगे मिल जुलके नए हिंद की तामीर करेंगे
हिंदू मुसलिम के बरसो लड़ाओ लस गोर की
भाई भाई में जगड़ा लगाओ लस गोर की
लगाओ लस गोर की भाई भाई में जगड़ा