मकः भापी राम राम
राम राम देवर राम राम
भापी तेरे थे एक जरूरी बात करनी है
जरूरी बात
हाम
बता कौन सी है
देख मैं जब भी कॉलेज पढ़ने के लिए जाता हूँ
हाम
एक लड़की मिलती है मिरे को
अच्छा
हाथ के इसारे से अपने पास बुलाने की कोशिश करती हैं
पटाना चाहरी है
और मेरा भी जी तेरी कसम उसमें बहुत आ रहा है
इन चक्रों में मत पड़े देवर
मैंने कुछ और जुगाड सोच रखा है तेरे लिए
अरे वा लड़की मैंने बहुत अच्छी लगे है चुडिया है
चुडिया तुझे ले का फरार हो जाएगे तु मेरे दिल के भाव एक
बर सुन के देख सुना के दिखा सुन ले मेरी बार वता दे
उड़ी जा चुडिया जाल तोड़े के
उड़ी जा चुडिया जाल तोड़े के
दिल में क्यूं तु बसा वैसे
ओ भापी री एक कोलज की छोरी
तेरी उल्टे हाथ की जोली
देसे
मंद मंद मुसका केने
त्यार भ्यार में मंद ना पड़ी ये
कहरी सुन समझा केने
त्यार भ्यार में मंद
ना पड़ी ये कहरी सुन समझा केने
तेरी खुली
आँख्यां सपने देखूं मैं खुली आंख्यां सपने देखूं ओ मंद मेरा कटि चावेसे
पिर हांडेगा सैड़ मूड मैं इब तन हासी आवेसे
देगा सेड मूड में इब तन हासी आबेसे
भापी री एक भोलद की छोरी
एक बात और भी है भापी
मैंने उस छोरी के बारे में फूप पढ़तान कर ली है
वो छोरी इतनी दिल की खराब नहीं है जिकनी तू समझती है
हो सकता है कि वो तुझे भसाना चाहरी हो
नहीं भापी वो बहुत साप दिल की लड़की है अच्छे विचारों की लड़की है
अच्छा हाँ सुनले मेरी बात रहे दे
पड़काल मने तन्ने बहु की चाहना होरी देख लिया तेरा ख्याल मने
चोरी ने बहु बनाऊं चोरी ने बहु बनाऊं जो तू सात नि भावे से
रिश्ता लिया दू मेरी बाहन का रिश्ता लिया दू गेराने क्यों चाह बैसे
भापी री एक पोलिज की चोरी देवर जी
जो तुझे इशारे कर सकती है
कल को किसी और को भी बुलाने की इशारे से आप नहीं
प्रशान प्र इस बात पर भापी ये दिल की बात होती है तू
बोड़ा है बोड़ा जिसमें दिल आजाता है उसे को इशारे करके
बुलाया जाता है तुझे फसारी है वो ऐसी बात नहीं है अच्छा
तेरी पॉलिज आली चोरी जैसी
तेरी बाहन ना हो सकती
आज तने जो मोह वैसे कल
और किसेने मोह सकती
तेरी पॉलिज आली चोरी
जैसी
तेरी बाहन ना हो सकती
तेरी बन कभी चोला चाल तू एक बहवें तुझे उन्हें सहम दड़ा वैसे
बात मान जा मेरी बाबुले उल्टे रहा जौ जा वैसे
बाबुले
उल्टे रहा जौ जा वैसे
प्रिकुल ठीक है
और बता देगे
तू जिस पे मरतवा मेरे मामा की
चोरी से
पीले हाथ मेरे करवा दे पीले हाथ मेरे करवा दे फिर तू देर ना गावेश
है कर वाद दियों लगते पागण गयहा करवा दियों सहम क्यों चिंदा ठावेश
है
भापीरी तेरे मामा की चोरी तिर चीलंज़ार ना खावेश
बातन ब्याहा के आवेसे