कि बेटी दिहनी
आरिकारिके
करिजवा हो
दहिजवा यब कलेब समधिजी
कि बेटी कंट पढ़होनी को बलेजवा हो
दहिजवा यब कलेब समधिजी
बेटि दिहनी
कारिके कोरि जवा हो
दहे जवा यव कलेव समधिजी
बेटि दिहनी कारिके कोरि जवा हो
बेटि दिहनी कारिके कोरि जवा हो
दहे जवा यव कलेव समधिजी
आउर कोहते रहे की देखी
हमरा भी जोवन रहे हमरा खाती अन्मोल रहे
लेकिन
फिर भी हमरो रहे हात जोड़ के परतना करों की जितना भी
गून संशकार
आम अपना अवकास ते ज़्यादा अपना बेटि के देले बानी कोहते रहे का
पसलो पिझाड़ा वाके उड़वा निची रहीया
अब जोनी मांगी कुछाऊ परतानी पईया
ए
संदीजी अब काहिं दे सकी ना
जितना तोय रहे जितना हमारो उकाड रहे उसे कोहिं ज़्यादा
हमरो उड़ा के देले बानी आगे के भाववाक पत्रे का
पांखा कुलर ती बिगो दर जवा हो
दहे जवा यब कले बसंदीजी
बेटी दिहनी काड़ी के कर जवा हो
आउर कहतरे की हमरो उरसे हांच चोड़के प्रार्थिना करते नी
हमार दिल के फिलिंगस रोड़ा ना समझम तो फिर केह समझ सकेला
अम्ला चाहर बाने कहते रिका
जखमी जीते नरजणी
भागी बन पाप के
बुझमा जबूरी हाई गर्वेग बाप के
रोवा
पारी कारी तानी पाराहे जवा हो
दहेजवा यब कलेब
समधी जी
बेटी दिहनी काड़ी के कर जवा हो
दहेजवा यब कलेब समधी जी
बेटी दिहनी काड़ी के कर जवा हो दहेजवा यब कलेब समधी जी