जैसे हवा में घुला कोई समंदर इसमें आज बहे
तिरी दूआ जैसा लगे है जो अंबर इसमें उड़ते रहे
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है
मैं रोक लेता पर कहां ये मानता है
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है
मैं रोक लेता पर कहां ये मानता है
आजकल तो एक पल को
मुझे तुझसे है फुरिसत कहां
मस तू है रूबरू है रूबरू है नजरों से अब है जहाँ
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है मैं रोक लेता पर कहां ये मानता है
जा रहा है