बेजमी रातों में जब तेरी आदें सताएं
दिल के हर धर्कन तेरी आदों में रह जाएं
खोए हुए अर्मानों की राहें दिल को सताएं
तनहाई की गहराईयों में दिल को बहुत रुलाएं
आँसु की बाच्छार में जब तेरा ख्याल आएं
दिल को है बहुत दर तेरी आदों में खो जाएं
बेजुबा दिल तेरे नाई जब तेरा ख्याल आएं
दिल को है बहुत दर तेरी आदों में खो जाएं
बेजुबा दिल तेरे नाम को याद करता है
तेरी बिना हर लमहां दिल को बेहाद सा लगे है
जिन्दगी की फंद में तेरी आदें छुपी हैं
दिल को है बेजैनी तेरी आदों में पसीएं
हर लोज, हर लमहां तेरा खाब बहुत याद आता है
पिनहाई की गहराईयों में तेरी आदें बेहद सतातें
जब तेरा ख्यान आए
तिल को है बहुत दिल तेरी आदों में खो जाए
बेसुबा दिल तेरे नाम तेरी आतें शुप्पी है
तिल को है बेचैनी तेरी आदों में तसी है
हाई रोजन
हाई रोजन
हर लंग हाँ तेरा खाब मुहद याद आता है
तनहाई की घहराई तेरी आगे पहत सताती है
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