ओ गुलशं के मरची
इशब मना बाद यादू के
मरची की याद मना कहा
दास साल, विश्साल बाद
मोती सबजे गमा
तिशिन हावन्दा मनी सब,
बीतो मना दिल बरनभी
तो केर वे
साउशी दिल साउशी दिल
बीतो मना दिल बरनभी तो केर वे साउशी दिल
दीमा मनी तो के बेबे अर्वा मनी पुल्ला सपी
अर्वा मनी पुल्ला सपी बीतो
मना दिल बरनभी तो केर वे साउशी दिल
तो दूरी गफा मजा आशिक तई पिकरा मिरी
तो दूरी गफा मजा आशिक तई पिकरा मिरी
बीतो मना दिल
बरनभी तो केर वे साउशी दिल
बीतो मना दारी नभी तो केर वे
साउशी दिल
ओ छूम काता है बदल रीशी दिले बंदारुझी
बीतो मना दिल बरनभी तो केर वे
साउशी दिल
के मन तो दिली अकरादे गुशे हो मरी दिल आखे
तो दूरी गफा मजा आशिक तई पिकरा मिरी
दूरी गफा मजा आशिक तई पिकरा मिری दूरी गफा मजा आशिक तै पिकरा मिरी दूरी
गफा मजा आशिक तै पिकरा मिरी दूरी गफा मजा आशिक तै पिकरा मिरी दूरी गफा
मजा आशिक तै पिकरा मिरी दूरी गफा मजा आशिक तै पिकरा मिरी दूरी गफा मजा �
हिमनी दिमा दिदी अर्वामनी पुलास पिकरवामनी पुलास
छोबी तो मना दिभरोनद तो केरवे चाहूँँ
दिले बंगार उदी तो चो मका चाहे बदल रिशी दिले बंगार
उदी दिले बंगार उदी तो चो मका चाहे मनी तो केरवे चाहूँँ
दिले बंगार उदी तो चो मका चाहे
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