दिलवा बस्तिर मेला गाहिला हो जैबू मसहूर
दिलवा बस्तिर मेला गाहिला हो जैबू मसहूर
बस्तिर मे आरि खाला ये प्यारि हो जैबू मसहूर
बंजली घुरानी कट्वोर्तु चाने प्यारि मिले भर्पूर
रुधौली वढ़नी पर लिखवा आहिला हो जैबू मसहूर
रुधाउनी वड़नी परली खवाईला हो जाई वो मसहूर
आरे चाहबु जवने गोरी तोह के मिलिये जाई
आरे किसे मत के फूले तोह खिलिये जाई
बंबे दिल्ली गुमे के पिली काई लग बूटूर
बस्ति के नाम पर स्टागाराम पर संकासे जैगूजूर
जिताही वड़नी परली खवाईला हो जाई वो मसहूर
जिताही वड़नी परली खवाईला
आरे वाइरल हो खेबा लाया भी बाटे उमिरिया
आरे काहे ले रतने अउरियानन्द के नजरिया
केहु न तो के आखे दिखाई हो खावोना मजबूर
सुन्ते ही न महवा हो जाई कमहवा हो जाई साभेदू
कि दिलवा पस्ति मेला गाहीला हो जाई बूमसहूर
कि धूमारी वर्हनी पर लिखावा हीला हो जाई बूमसहूर
प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र